Himachal Floods: हिमाचल का पानी बना आफत, घग्गर और टांगरी नदियां उफान पर, जानिए ताजा हालात

हिमाचल का पानी मैदानी इलाकों में मचा रहा तबाही। घग्गर, टांगरी नदियां उफान पर, सुखना लेक के फ्लड गेट खुले। जानिए चंडीगढ़, अंबाला, पंचकूला के ताजा बाढ़ हालात और बचाव कार्य।

Aug 29, 2025 - 17:03
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Himachal Floods: हिमाचल का पानी बना आफत, घग्गर और टांगरी नदियां उफान पर, जानिए ताजा हालात
हिमाचल का पानी, घग्गर नदी में बाढ़, टांगरी नदी का उफान, सुखना लेक ओवरफ्लो, चंडीगढ़ बाढ़, अंबाला में जलभराव, पंचकूला मोरनी में नुकसान, NDRF बचाव कार्य, हरियाणा में बाढ़।

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat | Date 29 Aug 2025

हिमाचल का पानी बना आफत: घग्गर और टांगरी नदियों ने बढ़ाई मैदानी इलाकों की चिंता, जानिए ताजा अपडेट

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने पड़ोसी राज्यों, विशेषकर हरियाणा और पंजाब के मैदानी इलाकों में कहर बरपा दिया है। हिमाचल का पानी नदियों और जलाशयों में उफान लेकर आ रहा है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। चंडीगढ़ से लेकर अंबाला और पंचकूला तक, जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है, लेकिन प्राकृतिक आपदा के आगे मानवीय प्रयास चुनौती का सामना कर रहे हैं। यह स्थिति आम नागरिकों के लिए बड़ा झटका साबित हो रही है, जिससे उनके घरों और दुकानों में पानी भर गया है।

हिमाचल का पानी: चंडीगढ़ में सुखना लेक से बढ़ा खतरा

चंडीगढ़ में प्रसिद्ध सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन को सुखना लेक के दोनों फ्लड गेट खोलने पड़े, जिससे अतिरिक्त पानी घग्गर नदी में जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इससे पहले भी तीन बार फ्लड गेट खोले जा चुके हैं। इन फ्लड गेटों को खोलने का मुख्य उद्देश्य नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण होने वाले भारी दबाव को कम करना होता है, ताकि गेट टूटें नहीं और बाढ़ के हालात और बदतर न हों। सुखना लेक के आसपास रहने वाले लोगों को प्रशासन द्वारा अलर्ट भी जारी किया गया है, ताकि वे पानी के तेज बहाव की चपेट में न आएं। लगातार हो रही बारिश के कारण इन इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है, और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

टांगरी नदी का कहर: अंबाला में जलमग्न हुए रिहायशी इलाके

अंबाला में टांगरी नदी भी उफान पर है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। अंबाला कैंट से गुजरने वाली टांगरी नदी का जलस्तर काफी हद तक बढ़ चुका है और 3000 क्यूसिक पानी आने की आशंका जताई जा रही है। इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है और डीसी अंबाला खुद मौके का मुआयना करने पहुंचे हैं। टांगरी नदी का पानी लोगों के घरों तक पहुंच गया है, जिससे रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए हैं और दुकानें डूबी हुई नजर आ रही हैं। हालात इतने खराब हैं कि कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। कई जगह मोटर पंप लगाकर घरों में घुसे पानी को निकालने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।

पंचकूला और ट्राईसिटी में बाढ़ जैसे हालात

हिमाचल का पानी पंचकूला और ट्राईसिटी (चंडीगढ़, पंचकूला, ज़ीरकपुर) के अन्य इलाकों में भी कहर बरपा रहा है। कल रात पंचकूला के मोरनी इलाके में भारी नुकसान देखा गया। पंचकूला में घग्गर नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ चुका है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। केवल हरियाणा ही नहीं, बल्कि पंजाब के भी कई इलाकों में जल भराव और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। प्रदेश सरकार इस स्थिति को लेकर अलर्ट पर है और उसने दिशा-निर्देश जारी किए हैं कि जहां भी पानी रुका हुआ है, उसे जल्द से जल्द निकालने का कार्य किया जाए। आज सुबह से भी चंडीगढ़ सहित ट्राईसिटी में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिससे स्थिति और चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

प्रशासन युद्ध स्तर पर, NDRF टीम तैनात

इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने स्वयं स्थिति का जायजा लिया है और प्रशासनिक अधिकारियों ने भी मौके पर निरीक्षण किया है। मुश्किल हालातों को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें भी मौके पर तैनात की गई हैं। प्रशासन का मुख्य लक्ष्य किसी भी प्रकार की जनहानि और संपत्ति के नुकसान को रोकना है। हालांकि पहाड़ी इलाकों में बारिश कुछ कम हुई है, जिससे जलस्तर में मामूली कमी आई है, जिसे राहत की बात माना जा रहा है। अधिकारियों ने यह भी पुष्टि की है कि फिलहाल किसी भी इलाके में लोग फंसे हुए नहीं हैं, यह एक सकारात्मक जानकारी है।

बारिश ने बिगाड़े हालात: क्या है आगे का अनुमान?

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी इसी तरह बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। यदि बारिश लगातार होती रही, तो यह लोगों के लिए और भी बड़ी आफत बन सकती है। नदियां और बरसाती नाले उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में और अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि सरकार और प्रशासन पूरी ताकत से राहत और बचाव कार्य में लगे हैं, लेकिन प्राकृतिक आपदा उनकी कोशिशों में बाधा बन रही है। ऐसी स्थिति में आम जनता को भी सतर्क रहने और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।


FAQs:

  1. हिमाचल का पानी कहाँ-कहाँ तबाही मचा रहा है? हिमाचल का पानी मुख्य रूप से चंडीगढ़, अंबाला, पंचकूला, ज़ीरकपुर और पंजाब के कई मैदानी इलाकों में तबाही मचा रहा है। इन क्षेत्रों में घग्गर और टांगरी नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसी स्थिति है।

  2. सुखना लेक के फ्लड गेट क्यों खोले गए? सुखना लेक का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने के कारण फ्लड गेट खोले गए। यह अतिरिक्त पानी को घग्गर नदी में भेजने और लेक पर दबाव कम करने के लिए किया गया, ताकि बाढ़ से और अधिक नुकसान न हो।

  3. अंबाला में टांगरी नदी से क्या स्थिति है? अंबाला में टांगरी नदी उफान पर है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी का पानी घरों और दुकानों में घुस गया है, जिससे रिहायशी इलाके जलमग्न हो गए हैं। प्रशासन अलर्ट पर है और स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं।

  4. बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन क्या कदम उठा रहा है? बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य कर रहा है। एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं, कैबिनेट मंत्री और डीसी अंबाला मौके का मुआयना कर रहे हैं। लोगों को अलर्ट किया गया है और स्कूलों में छुट्टियां घोषित की गई हैं।

  5. आगे आने वाले दिनों में कैसा रहेगा मौसम का हाल? मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में भी बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। यदि इसी तरह बारिश होती रही तो लोगों के लिए और अधिक आफत पैदा हो सकती है, हालांकि पहाड़ी इलाकों में बारिश कुछ कम हुई है।

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