मनीषा हत्याकांड: न्याय की मांग पर हरियाणा एकजुट, पुलिस पर गंभीर आरोप

लोहारू की मनीषा की निर्मम हत्या पर बड़ा खुलासा। परिजन और युवा साथी न्याय के लिए एकजुट। पुलिस और प्रशासन की लापरवाही पर उठ रहे गंभीर सवाल। जानिए पूरा मामला।

Aug 17, 2025 - 12:23
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मनीषा हत्याकांड: न्याय की मांग पर हरियाणा एकजुट, पुलिस पर गंभीर आरोप
मनीषा हत्या मामला: न्याय की मांग पर प्रदर्शन और पुलिस पर सवाल।

लोहारू में मनीषा की निर्मम हत्या: न्याय की मांग पर पूरा हरियाणा एकजुट, पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल

हरियाणा के डिगावा गांव से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है, जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। 19 वर्षीय मनीषा, जो कॉलेज के लिए निकली थी, वापस घर नहीं लौटी और तीन दिनों बाद उसकी लाश मिली। इस जघन्य हत्याकांड ने न सिर्फ परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मनीषा के परिजन और हरियाणा के युवा साथी, जिनमें उसके मौसी के लड़के अजय और सुरेंद्र भी शामिल हैं, अब मनीषा को न्याय दिलाने के लिए एकजुट होकर शांतिपूर्ण आंदोलन की मांग कर रहे हैं।

स्कूल और कॉलेज प्रशासन की संदिग्ध भूमिका मनीषा के परिजन, विशेषकर उसके मौसी के लड़के अजय, ने बताया कि जब मनीषा कॉलेज गई थी, तब वह वापस नहीं आई। शुरुआती जांच में जब परिजन प्ले स्कूल (जहां मनीषा पहले जाती थी) गए और डीवीआर चेक करने को कहा, तो स्कूल प्रशासन ने स्टाफ न होने का बहाना बनाकर मना कर दिया। बाद में, पुलिस डीवीआर अपने साथ ले गई। जब मनीषा के पिता मनीषा को ढूंढने कॉलेज गए, तो उन्हें एंट्री नहीं दी गई, क्योंकि कॉलेज बंद हो चुका था। यहां तक कि डायल 112 के कर्मचारियों को भी शाम 7:30 बजे के आसपास कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया। परिजनों का आरोप है कि कॉलेज के गेट पर कुछ कर्मचारी बियर पी रहे थे और उन्होंने पुलिस से "घर पर मिल लेंगे" कहकर वापस भेज दिया, जिससे साठगांठ की आशंका बढ़ गई है।

पुलिस की शुरुआती लापरवाही और एफआईआर में देरी मनीषा के लापता होने के बाद उसके पिता के पास रात में एक कॉल आई, जिसे वे रिसीव नहीं कर पाए। अगले दिन सुबह, जब वे लोहारू थाने पहुंचे, तो पुलिस का जवाब था कि लड़की "भाग गई होगी" और "दो-तीन दिन में आ जाएगी"। पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज करने से इनकार कर दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस की इस सोच ने ही मामले को और गंभीर बना दिया, क्योंकि हर लड़की का गुम होना भाग जाना नहीं होता। पुलिस का यह गैर-जिम्मेदाराना रवैया साफ तौर पर उनकी लापरवाही को दर्शाता है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अड़चनें और परिजनों का उत्पीड़न मनीषा की लाश मिलने के बाद, पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त करने में भी परिजनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। परिजनों के अनुसार, वे पूरा दिन अस्पताल में रिपोर्ट का इंतजार करते रहे, जबकि पुलिसकर्मी उन्हें "5 मिनट, 10 मिनट" का आश्वासन देते रहे। अंत में, जब रिपोर्ट मिली, तो एसएओ ने उन्हें खुद डॉक्टर से हस्ताक्षर करवाने के लिए कहा, जबकि डॉक्टर छुट्टी पर थे। इस प्रक्रिया में 500 से अधिक लोग पूरा दिन अस्पताल में उत्पीड़न का शिकार होते रहे। परिजनों का मानना है कि प्रशासन अपराधियों का हौसला बढ़ा रहा है और पुलिस जानबूझकर कार्रवाई में कोताही बरत रही है।

सस्पेंशन के बावजूद ठोस कार्रवाई पर सवाल लगातार बढ़ते दबाव के बाद, खबर आई है कि लोहारू थाना के एसएओ सहित सभी पुलिसकर्मी और डायल 112 के कर्मचारी, जो मौके पर आए थे, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि, परिजनों और जनता का मानना है कि केवल सस्पेंड करना समाधान नहीं है। अभी तक किसी भी दोषी को पकड़ा नहीं गया है। पुलिस न तो आइडल कॉलेज की लोकेशन उठा रही है और न ही मनीषा के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस कर रही है। परिजनों ने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाया है कि जब पुलिस किसी छोटे-मोटे झगड़े में तुरंत कार्रवाई करती है, तो इतने बड़े अपराध में इतनी ढिलाई क्यों बरती जा रही है।

समाज और सरकार से न्याय की अपील मनीषा के परिजन और युवा साथी इस घटना को सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि समाज के लिए खतरे की घंटी मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर आज दोषियों को नहीं पकड़ा गया, तो कल किसी और बेटी के साथ ऐसा हो सकता है। उन्होंने सरकार और गृह मंत्री से पुलिस प्रशासन को इतना मजबूत बनाने का निवेदन किया है कि कोई भी मुजरिम अपराध करने से पहले सौ बार सोचे। साथ ही, उन्होंने कहा कि यदि पुलिस प्रशासन कुछ नहीं कर सकता, तो उन्हें यह स्वीकार कर लेना चाहिए, ताकि आम जनता अपने तरीके से न्याय के लिए संघर्ष कर सके। मनीषा के मौसी के लड़के ने दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे अपराधों पर लगाम लग सके और "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" जैसे नारे केवल नारे बनकर न रह जाएं। यह समय है कि पूरा समाज एकजुट होकर मनीषा को न्याय दिलाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोके।


         FAQs 

  • मनीषा हत्याकांड क्या है? लोहारू के डिगावा गांव की 19 वर्षीय मनीषा कॉलेज जाने के बाद घर नहीं लौटी। तीन दिन बाद उसकी लाश मिली। परिजनों ने पुलिस और कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही और दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है, जिससे पूरे हरियाणा में न्याय की मांग उठ रही है।

  • पुलिस प्रशासन पर क्या मुख्य आरोप लगाए गए हैं? परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआती एफआईआर दर्ज करने में देरी की, मनीषा के "भाग जाने" की बात कही, और कॉलेज में जाने से मना कर दिया। डायल 112 के पुलिसकर्मियों को भी कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला, जिससे जांच में लापरवाही और सांठगांठ के आरोप लगे हैं।

  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त करने में क्या समस्याएँ आईं? परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त करने में भारी परेशानी हुई। उन्हें अस्पताल में घंटों इंतजार करना पड़ा और पुलिस ने उन्हें ही रिपोर्ट पर डॉक्टर के हस्ताक्षर करवाने को कहा, जबकि डॉक्टर छुट्टी पर थे। इससे परिजनों को मानसिक उत्पीड़न झेलना पड़ा।

  • क्या प्रशासन ने कोई कार्रवाई की है? हां, दबाव के बाद लोहारू थाना के एसएओ सहित सभी पुलिसकर्मी और डायल 112 के कर्मचारी, जो मौके पर आए थे, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। हालांकि, अभी तक किसी भी अपराधी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जिससे लोग संतुष्ट नहीं हैं।

  • मनीषा के लिए क्या मांगें उठाई जा रही हैं? मनीषा के परिजन और हरियाणा के युवा साथी जघन्य अपराध के दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने और उन्हें मृत्युदंड देने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि पुलिस प्रशासन अपनी कार्यप्रणाली सुधारे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।


Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.