भीषण बाढ़: पंजाब में तबाही, दिल्ली में यमुना का विकराल रूप और गुजरात में नई चेतावनी, जानें देशभर का मौसम हाल

भीषण बाढ़ और सूखे से जूझ रहे राज्यों का हाल। पंजाब में भारी नुकसान, दिल्ली में यमुना का विकराल रूप, गुजरात में बाढ़ की चेतावनी। Skymet का ताजा मौसम पूर्वानुमान जानें।

Sep 4, 2025 - 19:58
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भीषण बाढ़: पंजाब में तबाही, दिल्ली में यमुना का विकराल रूप और गुजरात में नई चेतावनी, जानें देशभर का मौसम हाल
भारत में भीषण बाढ़

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 04 Sep 2023

देश के कई हिस्से इस समय भीषण बाढ़ और सूखे की दोहरी मार झेल रहे हैं, जिससे आम जनजीवन और खासकर किसानों के सामने गंभीर चुनौतियां खड़ी हो गई हैं। एक तरफ जहां पंजाब और दिल्ली में भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, वहीं गुजरात में अगले कुछ दिनों में ऐसी ही स्थिति की आशंका जताई जा रही है। दूसरी ओर, बिहार जैसे राज्य सूखे की चपेट में हैं, जहां किसान पानी की कमी से जूझ रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, ये सभी चरम मौसमी घटनाएं जलवायु परिवर्तन का सीधा परिणाम हैं, जिसके कारण बारिश का पैटर्न बदल रहा है – जहां पांच दिनों की बारिश 7-8 घंटों में सिमट रही है, वहीं कुछ इलाके सूखे की मार झेल रहे हैं। Skymet वेदर ने अपने नवीनतम विश्लेषण में देश के विभिन्न हिस्सों के मौसम का विस्तृत पूर्वानुमान जारी किया है, जो इस गंभीर स्थिति पर प्रकाश डालता है और आने वाले दिनों के लिए अलर्ट जारी करता है।

पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने अब तक की सबसे भयावह त्रासदी का रूप ले लिया है। राज्य के सभी जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं और हजारों की संख्या में मवेशी बह गए हैं। इस त्रासदी में अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है, और कुछ लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। गुरुदासपुर, अमृतसर, पठानकोट से लेकर फिरोजपुर, तरनतारन, अमोहर और फाजिल्का जैसे पश्चिमी जिले सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। यह बाढ़ मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के कारण आई है, जिसका पानी पंजाब से होता हुआ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत तक पहुंचा और वहां भी भारी तबाही मचाई है। दिल्ली में भी यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है, जो 1963 के बाद तीसरी बार सबसे अधिक है। 1978 और जुलाई 2023 की बाढ़ की याद दिलाते हुए, इस बार यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे सोनिया विहार से लेकर रिंग रोड और मजनू का टीला जैसे कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। दिल्ली में 12,000 से अधिक लोगों को विस्थापित करना पड़ा है, और अगले 2-4 दिनों में ही कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।

पंजाब में भीषण बाढ़ का विनाशकारी मंज़र

पंजाब में हाल ही में आई भीषण बाढ़ ने पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। यह राज्य के इतिहास की सबसे गंभीर बाढ़ों में से एक मानी जा रही है, जिसने बड़े पैमाने पर जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। Skymet वेदर के अनुसार, पंजाब के सभी जिले बाढ़ से प्रभावित हैं, लेकिन गुरदासपुर, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, तरनतारन, अमोहर और फाजिल्का जैसे पश्चिमी जिलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस आपदा में 37 लोगों की मौत हो चुकी है, हजारों मवेशी बह गए हैं और करोड़ों रुपये की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ का कारण जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के उद्गम स्थलों पर हुई मूसलाधार बारिश है, जिससे नदियों में अत्यधिक पानी आ गया और वे तटबंध तोड़कर खेतों, गांवों और खलिहानों में फैल गईं। अगले तीन-चार दिनों में पंजाब और हरियाणा में बारिश में कमी आने की उम्मीद है, जिससे बचाव और राहत कार्यों में सुधार हो सकेगा।

दिल्ली में यमुना का रौद्र रूप और विस्थापन

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी भीषण बाढ़ जैसे हालातों से अछूती नहीं रही। हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर 207.48 मीटर तक पहुंच गया, जो 1963 से रिकॉर्ड रखने के बाद से तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है। यह स्थिति 1978 और जुलाई 2023 में आई बाढ़ की याद दिलाती है। यमुना पुश्ता के पास के सभी इलाके, जिनमें सोनिया विहार, रिंग रोड और मजनू का टीला जैसे क्षेत्र शामिल हैं, पानी में डूब गए हैं। दिल्ली में 12,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित करना पड़ा है। प्रशासन लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटा हुआ है, लेकिन शहर को इस स्थिति से पूरी तरह उबरने में कुछ दिन और लग सकते हैं।

गुजरात में भीषण बाढ़ की चेतावनी: 5 से 7 सितंबर तक खतरा

पंजाब और दिल्ली के बाद अब गुजरात पर भीषण बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। वर्तमान में, एक पश्चिमी विक्षोभ (ट्रफ के रूप में) और छत्तीसगढ़ तथा मध्य प्रदेश के ऊपर बना एक निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। इसके साथ ही, पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी बना हुआ है। इन सभी मौसमी प्रणालियों के आपस में मिलने से आज से ही गुजरात के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना है। Skymet के पूर्वानुमान के अनुसार, 5 से 7 सितंबर के बीच गुजरात में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साबरकांठा, बनासकांठा, मेहसाणा, पाटन, इदर, मोडासा, बोटाद, सुरेंद्रनगर, राजकोट, अहमदाबाद, वड़ोदरा, सूरत, वलसाड, छोटा उदयपुर, डांग, तापी, नर्मदा, भरूच और भावनगर जैसे इलाकों में अत्यधिक बारिश देखने को मिलेगी। भुज, जामनगर, मोरबी और नलिया में भी मूसलाधार बारिश की संभावना है। देवभूमि द्वारका में भी 7 सितंबर को अच्छी बारिश होगी, हालांकि गिर सोमनाथ, जूनागढ़ और पोरबंदर में अपेक्षाकृत कम बारिश होगी। यह सिस्टम 7 और 8 सितंबर को सिंध (पाकिस्तान) और उत्तर-पूर्वी अरब सागर की ओर बढ़ जाएगा।

बिहार सूखे की चपेट में: किसानों की चिंताएं

एक तरफ जहां देश के कुछ हिस्से भीषण बाढ़ से जूझ रहे हैं, वहीं बिहार में सूखे की स्थिति भयावह बनी हुई है। पिछले कई दिनों से यहां बारिश नहीं हुई है, जिससे बिहार के किसान भाइयों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। Skymet के अनुसार, बिहार में ज्यादा बारिश की संभावना फिलहाल नजर नहीं आ रही है, और सूखे के हालात बने रहेंगे। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ पूर्वी इलाके जैसे गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर, कुशीनगर, महाराजगंज, गोंडा, बस्ती, फैजाबाद, अयोध्या, मऊ, गाजीपुर और बलिया भी फिलहाल सूखे की मार झेलेंगे। इस विरोधाभासी मौसम ने किसानों की कमर तोड़ दी है, क्योंकि वे अपनी फसलों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

देश के अन्य हिस्सों में मौसम का हाल: कहाँ बारिश, कहाँ सूखा?

देश के अन्य भागों में भी मौसम का मिजाज मिलाजुला रहेगा। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश की तीव्रता में कमी आएगी, जो एक राहत की खबर है। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और मध्य भागों में (लखनऊ से मेरठ, सहारनपुर, बरेली तक) रुक-रुक कर खंड वर्षा होती रहेगी, लेकिन भारी बारिश की संभावना कम है। हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों जैसे प्रयागराज, वाराणसी, बदई, जौनपुर, मिर्जापुर में हल्की बारिश हो सकती है। बाद में, पूर्वी उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के उत्तरी और मध्य इलाकों में अच्छी बारिश की संभावना है। राजस्थान के दक्षिणी जिलों (सिरोही, पाली, नागौर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा) और पूर्वी इलाकों में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी, जबकि पश्चिमी इलाकों में कमी आएगी। पश्चिम बंगाल, झारखंड और उड़ीसा में भी अच्छी बारिश देखने को मिलेगी, क्योंकि बंगाल की खाड़ी में 15 सितंबर तक दो और निम्न दबाव के क्षेत्र बनने की संभावना है। मध्य प्रदेश में नीमच, रतलाम, उज्जैन, खंडवा और खरगोन जैसे इलाकों में बारिश होगी, जबकि अन्य जगहों पर छिटपुट बौछारें पड़ेंगी। महाराष्ट्र के विदर्भ और उत्तरी मध्य भागों में बारिश होगी, मुंबई में रुक-रुक कर बारिश जारी रहेगी, जबकि मराठवाड़ा, तटीय कर्नाटक और केरल में हल्की बारिश की संभावना है। दूसरी ओर, रायलसीमा, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में लगभग सूखे जैसे हालात बने रहेंगे, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपों पर अगले 24-48 घंटों के दौरान भारी बारिश की संभावना है।

क्लाइमेट चेंज और चरम मौसमी घटनाओं का बढ़ता प्रकोप

Skymet वेदर के अनुसार, देश में इस तरह की चरम मौसमी घटनाएं, जैसे कि भीषण बाढ़ और सूखे के हालात, जलवायु परिवर्तन का सीधा परिणाम हैं। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि और कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर में बढ़ोत्तरी के कारण वायुमंडल का तापमान बढ़ रहा है। इससे मौसमी पैटर्न में गंभीर बदलाव आ रहे हैं, जिसके चलते बादल फटने और कम समय में अत्यधिक बारिश होने जैसी घटनाएं बढ़ गई हैं। जहां पहले पांच दिनों में रिमझिम बारिश होती थी, वहीं अब उतनी बारिश 7-8 घंटों में हो जाती है, जिससे नदियां उफान पर आ जाती हैं और बाढ़ का रूप ले लेती हैं। यह विडंबना है कि एक तरफ लोग बाढ़ से परेशान हैं, तो दूसरी तरफ किसान सूखे की मार झेल रहे हैं। भारत की लगभग 70% आबादी कृषि से जुड़ी है, और सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को ही उठाना पड़ रहा है। जब तक जलवायु परिवर्तन को पलटा नहीं जाएगा, तब तक ऐसी स्थितियां बनी रहने की आशंका है।

FAQs

Q1: पंजाब में भीषण बाढ़ से कितना नुकसान हुआ है? A1: पंजाब में आई भीषण बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है। 37 लोगों की जान गई है, हजारों मवेशी बह गए हैं, और राज्य के सभी जिलों में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। पश्चिमी जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

Q2: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर इतना क्यों बढ़ गया है? A2: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर हथिनीकुंड बैराज से 1.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण 207.48 मीटर तक पहुंच गया है। यह 1963 के बाद तीसरा सबसे ऊंचा जलस्तर है, जिससे कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।

Q3: गुजरात में भीषण बाढ़ की संभावना कब तक है? A3: गुजरात में 5 से 7 सितंबर के बीच भीषण बाढ़ जैसी स्थिति आने की संभावना है। यह निम्न दबाव क्षेत्र और चक्रवाती हवाओं के संगम के कारण होगा, जिससे कई जिलों में अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

Q4: बिहार में सूखे की क्या स्थिति है और क्यों? A4: बिहार इस समय गंभीर सूखे की चपेट में है। पिछले कई दिनों से यहां बारिश नहीं हुई है, जिससे किसान अत्यधिक परेशान हैं। आगे भी बहुत ज्यादा बारिश की उम्मीद नहीं है, जिससे सूखे के हालात बने रहेंगे।

Q5: भीषण बाढ़ और सूखे जैसी चरम मौसमी घटनाओं का कारण क्या है? A5: भीषण बाढ़ और सूखे जैसी चरम मौसमी घटनाओं का मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है। ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन और बढ़ते एयर टेम्परेचर से बारिश के पैटर्न में बदलाव आया है, जिससे कम समय में अत्यधिक बारिश या लंबे समय तक सूखा पड़ रहा है।

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