उत्तर प्रदेश कांवड़ यात्रा में डीजे के नए नियम: पूरी गाइडलाइन यहाँ पढ़ें

उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे के उपयोग पर नए दिशा-निर्देश जारी, जानिए क्या है पूरी गाइडलाइन और कैसे प्रशासन ने लगाई पाबंदी।

Jun 26, 2025 - 10:21
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उत्तर प्रदेश कांवड़ यात्रा में डीजे के नए नियम: पूरी गाइडलाइन यहाँ पढ़ें
उत्तर प्रदेश कांवड़ यात्रा में डीजे उपयोग पर नए दिशा-निर्देश

लेखक: नीरज कुमार
 26 जून 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी कांवड़ यात्रा के लिए डीजे सिस्टम के उपयोग पर नई गाइडलाइन जारी की हैं। इन नियमों का उद्देश्य ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करना, सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यूपी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने इन नियमों के क्रियान्वयन के लिए विशेष तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।

नए नियमों की मुख्य बातें

प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे के उपयोग को लेकर कई प्रमुख निर्देश जारी किए हैं। इनमें ध्वनि सीमा, समय प्रतिबंध और सुरक्षा उपायों से संबंधित विस्तृत प्रावधान शामिल हैं।

मुख्य नियम और प्रतिबंध

  • ध्वनि सीमा: डीजे सिस्टम की ध्वनि सीमा 65 डेसिबल से अधिक नहीं होनी चाहिए। आवासीय क्षेत्रों में रात 10 बजे के बाद डीजे का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
  • स्थान प्रतिबंध: अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के दायरे में डीजे का उपयोग पूर्णतः वर्जित होगा।
  • सुरक्षा प्रमाणपत्र: डीजे ऑपरेटरों को विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र और उपकरणों की जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
  • आवेदन प्रक्रिया: डीजे उपयोग के लिए पुलिस प्रशासन से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है।

नियमों के पीछे का तर्क

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इन नियमों का मुख्य उद्देश्य धार्मिक उत्साह और सार्वजनिक हित के बीच संतुलन बनाना है। पिछले वर्षों में डीजे से होने वाले ध्वनि प्रदूषण के कारण स्थानीय निवासियों, विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों और बीमार व्यक्तियों की ओर से कई शिकायतें मिली थीं।

प्रशासनिक तैयारियाँ

  • यात्रा मार्गों पर 200 से अधिक ध्वनि मापन उपकरण लगाए जाएंगे
  • विशेष टास्क फोर्स का गठन जो नियमों के उल्लंघन पर त्वरित कार्रवाई करेगी
  • मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की सुविधा
  • पूरे मार्ग में सीसीटीवी कैमरों की निगरानी

भक्तों और आयोजकों की प्रतिक्रिया

नए दिशा-निर्देशों पर कांवड़ यात्रा आयोजक समितियों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। जहाँ कुछ आयोजकों ने इसे आवश्यक कदम बताया है, वहीं कुछ का मानना है कि यह भक्तों के उत्साह पर अंकुश लगाएगा।

कांवड़िया संघ के अध्यक्ष राजेश पांडेय ने बताया, "हम सरकार के निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन आशा करते हैं कि ये प्रतिबंध यात्रा के भक्ति भावना को प्रभावित नहीं करेंगे। हम अपने सदस्यों को इन नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।"

कानूनी पहलू और उल्लंघन के परिणाम

नए नियमों के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। डीजे संचालन के नियम तोड़ने वालों के खिलाफ ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम और सार्वजनिक शांति भंग करने के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

  • पहली बार उल्लंघन पर ₹5,000 तक का जुर्माना
  • दोबारा उल्लंघन पर उपकरण जब्ती और ₹10,000 जुर्माना
  • आवासीय क्षेत्रों में रात्रि प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई
  • अनुमति के बिना डीजे संचालन करने पर आपराधिक मामला दर्ज

विश्लेषण: समाज और संस्कृति का संतुलन

उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय धार्मिक आयोजनों और आधुनिक शहरी जीवन की आवश्यकताओं के बीच संतुलन बनाने का प्रयास है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये नियम पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक सद्भाव की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इनके प्रभावी क्रियान्वयन पर ही इसकी सफलता निर्भर करेगी। कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक परंपरा है जिसमें लाखों शिव भक्त हर वर्ष भाग लेते हैं। प्रशासन का दावा है कि इन नियमों का उद्देश्य इस परंपरा को समाप्त करना नहीं बल्कि इसे अधिक व्यवस्थित और समावेशी बनाना है।

Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.