भिवानी मनीषा हत्याकांड: दरिंदगी की हदें पार, न्याय की गुहार

भिवानी में 19 वर्षीय मनीषा की निर्मम हत्या ने पूरे हरियाणा को दहला दिया है। पुलिस की शुरुआती लापरवाही और दरिंदों की हैवानियत पर उठते गंभीर सवाल। जानें पूरी घटना और न्याय की मांग।

Aug 17, 2025 - 12:12
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भिवानी मनीषा हत्याकांड: दरिंदगी की हदें पार, न्याय की गुहार
भिवानी मनीषा हत्याकांड, महिला सुरक्षा, न्याय की मांग

भिवानी मनीषा हत्याकांड: दरिंदगी की हदें पार, न्याय की गुहार

भिवानी, हरियाणा: भिवानी जिले में 19 वर्षीय मनीषा की निर्मम हत्या ने पूरे हरियाणा को हिलाकर रख दिया है। यह घटना न केवल प्रशासन बल्कि समाज पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है, और पीड़ितों व उनके परिवारों की सुरक्षा को लेकर एक चेतावनी बन चुकी है। इस भयावह अपराध का खुलासा और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाना अब समय की मांग है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और नागरिकों में सुरक्षा की भावना बहाल हो सके।

घटनाक्रम: घर से निकलने से शव मिलने तक

मनीषा 11 तारीख को अपने घर से एक मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए फॉर्म भरने निकली थी और अपने पिता को बताया था कि वह देर से लौटेगी। जब शाम तक वह घर नहीं लौटी और उसका फोन बंद आया, तो उसके पिता ने डायल 112 पर संपर्क किया। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने कथित तौर पर उनसे एक-दो दिन इंतजार करने को कहा, यह सुझाते हुए कि शायद वह अपनी मर्जी से कहीं गई होगी या मैरिज सर्टिफिकेट लेकर वापस आ जाएगी। यह पुलिस की शुरुआती लापरवाही मानी जा रही है। 13 तारीख को मनीषा का शव उसी जगह पर मिला जहां यह जघन्य अपराध हुआ था। घटनास्थल कॉलेज से मात्र 500 मीटर दूर है और मनीषा के गांव से 7-8 किलोमीटर की दूरी पर है। 11 तारीख की सीसीटीवी फुटेज में उसे कॉलेज में प्रवेश करते देखा गया था।

दरिंदगी की इंतहा: कैसे की गई हैवानियत?

मनीषा के साथ हुई इस घटना को "निर्मम हत्या" और "गैंगरेप" बताया जा रहा है, हालांकि पत्रकार इसकी पुष्टि नहीं कर सकते, वे केवल पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी का जिक्र करते हैं। सूत्रों के अनुसार, दरिंदों ने उसका गला काटा, तेजाब डाला, आँखें निकाल लीं और कान भी गायब थे। घटनास्थल पर पाए गए निशानों से पता चलता है कि उसे एक नीम के पेड़ के पास तक घसीटा गया था। क्राइम सीन से शराब और बीयर की बोतलें, रेड बुल की बोतलें, पानी की बोतलें और सिगरेट के फिल्टर भी मिले हैं, जो बताता है कि अपराधी नशे में थे। एक टूटा हुआ मोबाइल फोन जिसका मदरबोर्ड गायब था और एक मोबाइल कवर भी घटनास्थल पर मिला है, जो पुलिस को फिंगरप्रिंट्स के जरिए जांच में मदद कर सकता है।

पुलिस की लापरवाही और जनता का रोष

इस मामले में पुलिस की शुरुआती प्रतिक्रिया पर गंभीर सवाल उठे हैं। परिवार की शिकायत पर पुलिस का यह कहना कि "वह भाग गई होगी" या "मैरिज सर्टिफिकेट लेकर आएगी" अत्यंत निंदनीय है। पत्रकारों और आम जनता का मानना है कि इस तरह के जवाब आपराधिक मानसिकता को बढ़ावा देते हैं और पीड़ितों के साथ अन्याय करते हैं। घटना को 5 दिन बीत जाने के बावजूद अपराधियों का खुलेआम घूमना और शव का इतने समय तक बाहर रहना भी प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

सामाजिक विमर्श: टूटता "बेटी बचाओ" का नारा

यह घटना सिर्फ प्रशासन या सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" का नारा आज थोथा साबित हो रहा है, क्योंकि न तो बेटियां बच रही हैं और न ही उन्हें सुरक्षित माहौल में पढ़ाया जा रहा है। वेब सीरीज, फिल्मों और सोशल मीडिया पर फैल रहे "गंद" को भी इन घटनाओं का एक कारण बताया जा रहा है, जिससे युवा कहीं न कहीं प्रभावित हो रहे हैं। समाज को आत्म-चिंतन करने और ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए कदम उठाने की आवश्यकता है।

न्याय की मांग: अपराधियों को कड़ी सजा कब?

मनीषा के लिए न्याय की आवाज बुलंद हो रही है। डिगावा में भाईचारा (समुदाय) इकट्ठा होकर पुलिस से अपराधियों को जल्द पकड़ने और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहा है। यह भी कहा गया है कि ऐसे अपराधियों को बचाने की कोशिश करने वाला भी दोषी होगा, और अगर उनका जमीर जिंदा है तो कोई वकील उन्हें कोर्ट में डिफेंड न करे। यह अपराध कोई अचानक घटना नहीं, बल्कि एक सोची समझी साजिश लगती है, जिसकी गहराई से जांच होनी चाहिए। अपराधी अभी भी खुले घूम रहे हैं और उनसे और अपराध होने का खतरा है।

भविष्य की चिंताएं और सुरक्षा के सवाल

पूरे हरियाणा में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। पत्रकार भी इस माहौल में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, खासकर जब वे गलत के खिलाफ आवाज उठाते हैं। यह मनीषा का अकेला मामला नहीं है; ऐसी कई और बहन-बेटियों के साथ भी दरिंदगी हुई है, जिनके मामले शायद सामने भी नहीं आते। यह समय है जब सरकार, प्रशासन और समाज मिलकर ऐसे "अंदर के आतंकवादियों" (जो समाज में अपराध फैलाते हैं) से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएं। इस घटना पर अंकुश लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना ही मनीषा को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस वीडियो को शेयर करने का मकसद जागरूकता फैलाना है, न कि केवल व्यूज पाना।

        FAQs:

    • Q1: भिवानी में मनीषा हत्याकांड क्या है? A1: भिवानी में 19 वर्षीय मनीषा की निर्मम हत्या का मामला सामने आया है। वह 11 तारीख को घर से मेडिकल कॉलेज के फॉर्म भरने निकली थी और 13 तारीख को उसका शव एक जघन्य अपराध स्थल पर मिला।
    • Q2: पुलिस की शुरुआती प्रतिक्रिया क्या थी? A2: मनीषा के पिता द्वारा शिकायत करने पर पुलिस ने कथित तौर पर एक-दो दिन इंतजार करने को कहा, यह सोचते हुए कि वह अपनी मर्जी से कहीं गई होगी या मैरिज सर्टिफिकेट लेकर लौटेगी।
    • Q3: घटनास्थल पर क्या सबूत मिले? A3: अपराध स्थल पर एक टूटा हुआ मोबाइल फोन, मोबाइल कवर, तथा शराब और बीयर सहित अन्य बोतलों के साथ-साथ सिगरेट के फिल्टर भी पाए गए हैं।
    • Q4: मनीषा की हत्या किस क्रूरता से की गई? A4: सूत्रों के अनुसार, दरिंदों ने मनीषा का गला काटा, उस पर तेजाब डाला, उसकी आँखें निकाल लीं और कान भी गायब थे।
    • Q5: मनीषा हत्याकांड पर समाज की क्या प्रतिक्रिया है? A5: इस घटना ने पूरे समाज को झकझोर दिया है, जिससे "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" के नारे की विफलता और महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। समुदाय न्याय और अपराधियों के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहा है।.

Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.