Haryana Floods:हरियाणा में बाढ़ का बड़ा झटका: भारी बारिश से नदियां उफनाईं, सीएम सैनी ने रद्द किया यूएई दौरा
Haryana Floods:हरियाणा में बाढ़ का कहर जारी, भारी बारिश से नदियां खतरे के निशान पर, 400 किसानों को ₹700 करोड़ का नुकसान, जानें सरकार के ताजा कदम।

दैनिक रियल्टी ब्यूरो | By: Neeraj Ahlawat Date: | 1 09 2025
Haryana Floods:देश के उत्तरी भाग पर इन दिनों प्रकृति का भीषण प्रकोप बरस रहा है, जिसने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। पहाड़ी राज्यों से जहां भूस्खलन और बादल फटने जैसी भयावह खबरें लगातार आ रही हैं, वहीं मैदानी राज्यों, विशेषकर हरियाणा में, बाढ़ ने हाहाकार मचा दिया है। प्रदेश से गुजरने वाली कई प्रमुख नदियां या तो पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं, या फिर बेहद तेजी से उस सीमा की ओर बढ़ रही हैं, जिससे स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। इस अप्रत्याशित संकट के बीच, राज्य सरकार पूरी तरह से अलर्ट मोड पर आ गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी प्रदेश में बिगड़ते हालात को देखते हुए अपना महत्वपूर्ण यूएई दौरा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है, जो हरियाणा में निवेश आकर्षित करने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार संबंधों को मजबूत करने के लिए दुबई में प्रमुख कारोबारियों के साथ बैठकों के उद्देश्य से 2 से 5 सितंबर तक निर्धारित था। मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राज्य में बाढ़ की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकार ने युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों की तैयारियां शुरू कर दी हैं, ताकि नागरिकों को सुरक्षित रखा जा सके और संपत्ति के नुकसान को कम किया जा सके। हरियाणा में नदियों के उफान का मुख्य कारण हिमाचल प्रदेश में हुई मूसलाधार बारिश है। पड़ोसी राज्य में हुई भारी बरसात के कारण नदियां पहले से ही भरपूर पानी के साथ हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर रही थीं। इसके ऊपर, पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में हो रही लगातार बारिश ने स्थिति को और भी विकट बना दिया है, जिससे जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और कई निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं।
यमुनानगर, करनाल, सिरसा सहित प्रदेश के कई अन्य जिलों से बाढ़ के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान की खबरें दर्ज की गई हैं। सैकड़ों गांव पानी में डूबने के कगार पर हैं और किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें जलमग्न हो चुकी हैं। हरियाणा सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून सीजन में अब तक लगभग 400 किसानों की 500 एकड़ फसलें बाढ़ के पानी में डूब चुकी हैं, जिससे करीब ₹700 करोड़ के भारी नुकसान की आशंका जताई गई है। यह किसानों के लिए एक बड़ा आर्थिक झटका है, जो पहले से ही कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यमुना और घग्गर नदियों के किनारे बसे गांवों को खाली कराने की कवायद भी शुरू हो गई है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। बिगड़ते हालात को देखते हुए हरियाणा सरकार पूरी तरह से एक्शन में आ गई है। मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने भारी बारिश के अलर्ट को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों के फील्ड अधिकारियों की छुट्टियां 5 सितंबर तक तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यालय में ही रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं, ताकि वे किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर सकें। सरकार द्वारा जारी पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इस अवधि के दौरान, मुख्य सचिव या गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की मंजूरी के बिना किसी भी अधिकारी को छुट्टी नहीं दी जाएगी। इन सबके बीच, मौसम विभाग की एक नई चेतावनी ने चिंता और बढ़ा दी है। विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है, जिससे हरियाणा में बाढ़ का खतरा और भी गहरा हो सकता है। संवेदनशील जिलों में प्रशासन ने किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं, जिसमें बचाव दल की तैनाती और राहत सामग्री का स्टॉक शामिल है।
हरियाणा में बाढ़: बिगड़ते हालात और नदियों का बढ़ता जलस्तर हरियाणा के उत्तरी भाग में भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। यमुना और घग्गर जैसी प्रमुख नदियां खतरे के निशान को पार कर रही हैं या उसके करीब हैं। हिमाचल की बारिश और स्थानीय बरसात ने जलस्तर बढ़ाया है, जिससे यमुनानगर, करनाल, सिरसा में बाढ़ का खतरा गहरा गया है। प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है।
मुख्यमंत्री सैनी ने रद्द किया यूएई दौरा: बाढ़ के कारण लिया अहम फैसला बाढ़ के बिगड़ते हालात के चलते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 2 से 5 सितंबर का अपना यूएई दौरा रद्द कर दिया है। उन्हें दुबई में हरियाणा के लिए निवेश पर चर्चा करनी थी। उनका यह निर्णय प्रदेश के लोगों की सुरक्षा और राहत कार्यों पर प्राथमिकता दर्शाता है, जो एक गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं।
किसानों पर बाढ़ की मार: ₹700 करोड़ के नुकसान की आशंका हरियाणा में बाढ़ ने किसानों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। मानसून सीजन में अब तक 400 किसानों की 500 एकड़ फसलें डूब चुकी हैं। इससे किसानों को ₹700 करोड़ के भारी आर्थिक नुकसान की आशंका है, जिससे उनकी आजीविका पर संकट गहरा गया है। सरकार इस नुकसान के आकलन में जुटी है।
प्रशासनिक अलर्ट: फील्ड अधिकारियों की छुट्टियां रद्द, मुख्यालय में रहने के निर्देश बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने सभी फील्ड अधिकारियों की छुट्टियां 5 सितंबर तक रद्द कर दी हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। यह कदम प्रशासनिक मुस्तैदी को दर्शाता है।
मौसम विभाग की चेतावनी: अगले 3-4 दिनों तक मूसलाधार बारिश का अनुमान मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक प्रदेश में मूसलाधार बारिश की नई चेतावनी जारी की है। यह पूर्वानुमान हरियाणा में बाढ़ की स्थिति को और गंभीर बना सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां नदियां पहले ही उफान पर हैं। लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्य और गांव खाली कराने की कवायद बाढ़ से निपटने के लिए संवेदनशील जिलों में आपातकालीन तैयारियां तेज हैं। यमुना और घग्गर किनारे बसे कई गांवों को ऐहतियातन खाली कराया जा रहा है, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन जनहानि रोकने और प्रभावितों को तत्काल राहत पहुंचाने के लिए प्रयासरत है।
FAQs
Q1: हरियाणा में बाढ़ का मुख्य कारण क्या है? A1: हरियाणा में बाढ़ का मुख्य कारण हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश है, जिसके चलते नदियां उफान पर हैं। इसके साथ ही, पिछले कुछ दिनों से हरियाणा में भी लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है, जिससे जलस्तर बढ़ गया है।
Q2: मुख्यमंत्री सैनी ने अपना यूएई दौरा क्यों रद्द किया? A2: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रदेश में बिगड़ते बाढ़ के हालात और जनसुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अपना 2 से 5 सितंबर तक का यूएई दौरा रद्द कर दिया है। यह फैसला राज्य में राहत और बचाव कार्यों की व्यक्तिगत निगरानी सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
Q3: हरियाणा में बाढ़ से किसानों को कितना नुकसान हुआ है? A3: हरियाणा सरकार की जानकारी के अनुसार, इस मानसून सीजन में अब तक लगभग 400 किसानों की 500 एकड़ फसलें बाढ़ के पानी में डूब चुकी हैं। इससे किसानों को लगभग ₹700 करोड़ के वित्तीय नुकसान की आशंका है, जो एक बड़ा झटका है।
Q4: राज्य सरकार ने बाढ़ से निपटने के लिए क्या कदम उठाए हैं? A4: राज्य सरकार ने सभी फील्ड अधिकारियों की छुट्टियां 5 सितंबर तक रद्द कर दी हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को मुख्यालय में रहने के निर्देश दिए हैं। यमुना और घग्गर के किनारे बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है, और संवेदनशील जिलों में आपातकालीन तैयारियों को तेज कर दिया गया है।
Q5: अगले कुछ दिनों के लिए मौसम विभाग का क्या पूर्वानुमान है? A5: मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक प्रदेश में मूसलाधार बारिश की नई चेतावनी जारी की है। यह पूर्वानुमान हरियाणा में बाढ़ के खतरे को और बढ़ा सकता है, जिससे लोगों और प्रशासन दोनों के लिए चुनौतियां बढ़ेंगी।