मनीषा हत्याकांड: ढगावा में महापंचायत, न्याय की मांग तेज
ढगावा में मनीषा हत्याकांड को लेकर महापंचायत में फूटा गुस्सा, न्याय की मांग तेज। पुलिस-प्रशासन पर नाकामी का आरोप, कठोर कानून व जल्द गिरफ्तारी की अपील।

हरियाणा: मनीषा हत्याकांड पर भड़का जन आक्रोश, ढगावा में महापंचायत से उठी न्याय की हुंकार
हरियाणा के ढगावा में मनीषा हत्याकांड को लेकर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। आज ढगावा में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा हुए। सभी मनीषा को न्याय दिलाने और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस-प्रशासन और हरियाणा सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं, जिससे पूरे प्रदेश में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
पुलिस-प्रशासन पर गंभीर सवाल: "बड़ी चूक का परिणाम"
महापंचायत में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता सत्यवान ने पुलिस प्रशासन और हरियाणा सरकार की "बिल्कुल नाकामयाबी" को इस दुखद घटना का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते कार्रवाई की जाती तो मनीषा आज जीवित होतीं। सत्यवान के अनुसार, मनीषा का अपहरण 11 या 12 तारीख को हुआ था, जबकि उनका मृत शरीर 13 तारीख को मिला, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हत्या 13 तारीख की सुबह हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि दो दिनों तक अपहरण के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे ऐसी "बड़ी चूक" हुई। लोगों का कहना है कि अपराधियों में कानून का कोई खौफ नहीं है, और ऐसी घटनाएं होती रहेंगी जब तक उन्हें सख्त सजा नहीं मिलती।
हत्यारों के लिए "हाथ के बदले हाथ" जैसे कठोर दंड की मांग
महापंचायत में शामिल लोगों में अपराधियों के प्रति भारी रोष देखने को मिला। कई लोगों ने हत्यारों के लिए सख्त और मिसाल कायम करने वाली सजा की मांग की। सामाजिक कार्यकर्ता सत्यवान ने तो अंग्रेजों के समय के कानून "हाथ के बदले हाथ, लात के बदले लात और हत्या के बदले हत्या" की वकालत की। उन्होंने मौजूदा न्यायिक प्रणाली पर भी सवाल उठाए, यह कहते हुए कि अपराधी जेल जाने को अब "पिकनिक" समझते हैं और उन्हें कोई खौफ नहीं है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तो यहां तक कहा कि यदि अपराधी उन्हें सौंप दिए जाएं तो वे उनकी दोनों टांगें, दोनों हाथ और दोनों आंखें काटकर उन्हें जिंदा छोड़ देंगे ताकि कोई दोबारा ऐसा अपराध करने की सोचे भी न। झज्जर से आए एक साथी ने जल्द से जल्द अपराधियों की गिरफ्तारी और "फर्स्ट कोर्ट के अंदर उनकी ट्रायल" की मांग की ताकि बेटी को शीघ्र न्याय मिल सके।
"देसी आतंकवादी" घूम रहे समाज में, असुरक्षा का माहौल
महापंचायत में उपस्थित लोगों ने मौजूदा हालात पर गहरी चिंता व्यक्त की। उनका मानना है कि अब आतंकवादी बाहर से नहीं आते, बल्कि "हमारे घर के अंदर हमारे बाहर हमारे समाज में आतंकवादी घूमने लाग रहे हैं, देसी आतंकवादी"। लोगों ने कहा कि अब न केवल बहन-बेटियां, बल्कि कोई भी सुरक्षित नहीं है। यदि किसी के पास पैसा है तो उसे छीनकर जान ले ली जा सकती है। यह भाव पूरे समाज में व्याप्त असुरक्षा को दर्शाता है और सरकार तथा प्रशासन से इस पर तुरंत ध्यान देने की अपील की गई है।
अंतिम संस्कार में देरी से जन आक्रोश और बढ़ा
इस मामले में एक और बेहद संवेदनशील पहलू मनीषा के मृत शरीर के अंतिम संस्कार में हो रही देरी है। महापंचायत में बताया गया कि मनीषा की डेड बॉडी को आज पांचवा दिन है, लेकिन परिवार अभी तक उसका अंतिम संस्कार नहीं कर पाया है। लोगों ने सरकार पर डेड बॉडी का मान-सम्मान न करने का आरोप लगाया और कहा कि परिवार पर क्या बीत रही होगी, जिनकी बेटी की लाश सड़ रही है। उन्होंने सरकार से इस मामले को "जबरदस्त तरीके से संज्ञान" लेने की मांग की।
समाज और कानून पर गहरी चिंता: "रिलेशनशिप" की भूमिका पर सवाल
इस महापंचायत में कुछ अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जो कथित तौर पर अपराधों में वृद्धि का कारण बन रहे हैं। एक वक्ता ने "रिलेशनशिप" कानूनों पर सवाल उठाए, उनका कहना था कि इन कानूनों के तहत भागने (भागना) की अनुमति देने से समाज "सत्यानाश" हो रहा है और अपराध बढ़ रहे हैं। उनका मानना है कि ऐसी "रिलेशनशिप" को समाज में कोई मान्यता नहीं मिलनी चाहिए, क्योंकि इससे हमारा समाज खराब हो रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार और प्रशासन को ऐसी गतिविधियों पर नकेल कसनी होगी, अन्यथा हरियाणा में एक "बड़ा जन आंदोलन" शुरू हो सकता है। यह आंदोलन मनीषा को न्याय दिलाने की मांग से शुरू होगा।
FAQs
Q1: मनीषा हत्याकांड क्या है? A1: मनीषा हत्याकांड हरियाणा के ढगावा में हुई एक निर्मम हत्या की घटना है। मनीषा का अपहरण कर लिया गया था और कुछ दिनों बाद उनकी डेड बॉडी मिली। इस मामले को लेकर पुलिस और सरकार पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं।
Q2: ढगावा में महापंचायत क्यों हुई? A2: ढगावा में मनीषा को न्याय दिलाने और हत्यारों को कड़ी सजा दिलाने की मांग को लेकर एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया है। यह महापंचायत पुलिस-प्रशासन की कथित नाकामी के विरोध में बुलाई गई है।
Q3: लोग पुलिस-प्रशासन से क्या मांग कर रहे हैं? A3: लोग पुलिस-प्रशासन से अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और फास्ट-ट्रैक कोर्ट में उनकी ट्रायल की मांग कर रहे हैं। वे सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ी कार्रवाई की अपील कर रहे हैं।
Q4: समाज में असुरक्षा का क्या कारण बताया जा रहा है? A4: महापंचायत में यह बात उठी कि अब समाज में "देसी आतंकवादी" घूम रहे हैं, जिससे कोई सुरक्षित नहीं है, चाहे वह बहन-बेटी हो या कोई भाई। लोगों का मानना है कि अपराधियों को कानून का कोई खौफ नहीं है।
Q5: मनीषा के अंतिम संस्कार में देरी क्यों हो रही है? A5: मनीषा की डेड बॉडी को पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन परिवार अभी तक उसका अंतिम संस्कार नहीं कर पाया है। यह सरकार और प्रशासन की संवेदनहीनता का एक बड़ा मुद्दा बन गया है, जिस पर महापंचायत में गहरा आक्रोश व्यक्त किया गया है।