यूनिकॉर्न आईपीओ: निवेशकों का पैसा डूबा? जानिए क्यों घट रहे हैं शेयर और क्या है मुनाफा कमाने का राज!

क्या आपके यूनिकॉर्न निवेश में नुकसान हुआ है? जानिए Paytm, Zomato जैसे शेयरों की स्थिति और क्यों घट रहे हैं भाव। निवेश से पहले पूरी जानकारी लें!

Aug 9, 2025 - 13:08
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यूनिकॉर्न आईपीओ: निवेशकों का पैसा डूबा? जानिए क्यों घट रहे हैं शेयर और क्या है मुनाफा कमाने का राज!
यूनिकॉर्न आईपीओ में निवेशकों का नुकसान

नए जमाने की कंपनियों के आईपीओ ने धूम मचाई, पर निवेशकों को क्या मिला?

बीते कुछ सालों में भारतीय शेयर बाजार में Paytm, Ola इलेक्ट्रिक, डिलीवरी और Swiggy जैसी कई नई जमाने की टेक्नोलॉजी-आधारित कंपनियों ने बड़े गाजेबाजे के साथ एंट्री ली। इन कंपनियों को 'यूनिकॉर्न' का दर्जा हासिल है, जिसका अर्थ है कि इनका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर यानी लगभग ₹8000 करोड़ के पार चला गया है। निवेशकों को उम्मीद थी कि इन आईपीओ से उन्हें मोटा मुनाफा मिलेगा, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही निकली है। आंकड़ों के मुताबिक, आधे से ज्यादा लिस्टेड यूनिकॉर्न कंपनियों के शेयर इशू प्राइस से काफी नीचे आ गए हैं, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।

यूनिकॉर्न शेयरों का प्रदर्शन और निवेशकों का घाटा

भारत में अब तक 14 यूनिकॉर्न्स की लिस्टिंग हो चुकी है, और कई और पाइपलाइन में हैं, लेकिन लिस्टेड यूनिकॉर्न्स में से आधे से अधिक नुकसान में कारोबार कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, 197 कम्युनिकेशन (Paytm) का इशू प्राइस ₹2150 था, जो अब गिरकर ₹152 पर आ गया है, जिससे निवेशकों को 51% का नुकसान हुआ है। इसी तरह, Ola इलेक्ट्रिक के शेयर का इशू प्राइस ₹76 था, जो अब ₹40 पर आ गया है, यानी 46% का सीधा नुकसान। Benb सॉल्यूशन (FirstCry) का इशू प्राइस ₹465 था, जो अब ₹360 के करीब है, यानी 22% नीचे। Honasa कंस्यूमर (Mamaearth) के शेयर का इशू प्राइस ₹324 था, जो गिरकर ₹261 पर आ गया है, यानी 19% की गिरावट। डिलीवरी का इशू प्राइस ₹487 था, और अब यह ₹239 पर कारोबार कर रहा है, जिससे 6% की गिरावट दर्ज की गई है। Swiggy का शेयर भी इशू प्राइस ₹390 के मुकाबले ₹385 पर कारोबार कर रहा है। One Mobikwik System का आईपीओ प्राइस ₹279 था, जो अब ₹239 पर ट्रेड कर रहा है, यानी 14% की गिरावट देखी गई है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि अधिकांश यूनिकॉर्न इशू प्राइस के मुकाबले नुकसान में ट्रेड हो रहे हैं।

शेयरों में गिरावट की बड़ी वजहें: ओवरवैल्यूएशन, घाटा और प्रतिस्पर्धा

यूनिकॉर्न शेयरों में इस बड़े नुकसान की कई प्रमुख वजहें हैं। सबसे पहली और बड़ी वजह है ओवरवैल्यूएशन पर आईपीओ लाना। कई यूनिकॉर्न्स के आईपीओ बहुत उच्च मूल्यांकन पर लाए गए हैं, जबकि कंपनी का मुनाफा, आय और ग्रोथ उस वैल्यू को सपोर्ट नहीं करती थी। निवेशक अब केवल हाइप पर नहीं, बल्कि ठोस प्रॉफिट और टिकाऊ ग्रोथ पर ध्यान दे रहे हैं। दूसरी बड़ी वजह है स्टार्टअप का घाटे में होना। कई बड़े यूनिकॉर्न्स अभी भी मुनाफे में नहीं आ पाए हैं, और जो मुनाफे में आ भी रहे हैं, उनकी ग्रोथ बहुत धीमी है। तीसरी वजह है कड़ी प्रतिस्पर्धा और लागत। यूनिकॉर्न की परिचालन लागत अधिक होती है, और बाजार में तीव्र प्रतिस्पर्धा के चलते वे अपने उत्पादों के दाम नहीं बढ़ा सकते, जिससे उनके मार्जिन पर बुरा असर पड़ रहा है। इसके अलावा, जिन निवेशकों ने यूनिकॉर्न में शुरुआत में पैसा लगाया था, वे अब लिस्टिंग के बाद अपने शेयर बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं, जिससे शेयरों की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है।

मुनाफे का जादू: Zomato और Paytm का बढ़ता ग्राफ

सवाल यह है कि क्या इन कंपनियों का शेयर प्राइस फिर से उछाल मारेगा या गिरता ही रहेगा? इसका जवाब Zomato (Eternal) और Paytm के उदाहरण से समझा जा सकता है। जैसे ही Zomato मुनाफे में आया, उसके शेयरों में अच्छा उछाल देखने को मिला। कारोबार साल 2025 में Zomato को ₹527 करोड़ का मुनाफा हुआ, और चालू कारोबारी साल की पहली तिमाही में भी इसने ₹25 करोड़ का मुनाफा कमाया। मुनाफे में आने के साथ ही Zomato के शेयर में अच्छी खरीदारी देखी गई है, जिसने 1 महीने में 14%, 6 महीने में 28%, 1 साल में 13% और 3 साल में 446% का शानदार रिटर्न दिया है। यह दर्शाता है कि मुनाफे और शेयर के भाव का सीधा संबंध होता है।

Paytm ने भी हाल ही में अपनी पहली तिमाही में ₹122 करोड़ का मुनाफा कमाकर घाटे से वापसी की है, जबकि इसकी आय सालाना आधार पर 28% बढ़कर ₹1918 करोड़ रही। अच्छे नतीजों के चलते Paytm के शेयर में भी उछाल आया है, और यह बीते 1 महीने में 16% और 1 साल में 118% बढ़ा है। हालांकि, यह अभी भी अपने इशू प्राइस से काफी नीचे ट्रेड कर रहा है। यदि आने वाली तिमाही भी Paytm के लिए अच्छी साबित हुई, तो इसमें और रिकवरी की उम्मीद की जा सकती है।

निवेशकों के लिए सबक: ब्रांड नहीं, मुनाफा है असली कुंजी

यूनिकॉर्न्स के शेयर के ट्रेड से एक बात स्पष्ट हो जाती है: कंपनियों के शेयर तभी बढ़ेंगे जब कंपनियां मुनाफा कमाएंगी। ऐसे में निवेशकों को घाटे वाली कंपनियों में निवेश से बचना चाहिए, भले ही कंपनी की ब्रांड वैल्यू कितनी भी हाई क्यों न हो। शेयर बाजार में निवेश हमेशा जोखिम भरा होता है, इसलिए किसी भी शेयर में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्य लेनी चाहिए।


Neeraj Ahlawat Neeraj Ahlawat is a seasoned News Editor from Panipat, Haryana, with over 10 years of experience in journalism. He is known for his deep understanding of both national and regional issues and is committed to delivering accurate and unbiased news.